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Wednesday 23 June 2021

krishna

आज जरूर मेरे कान्हा आने वाले हैं



घर, गली, मोहल्ला सज रहे हैं।
राधे-राधे राधे नाम भज रहे हैं।
आज जरूर मेरे कान्हा आने वाले हैं।
हर गली मोहल्ले में फुल बरस रही हैं।
टकटकी सी सबकी आँखें तरस रही हैं।
आज जरूर मेरे कान्हा आने वाले हैं।
अल्पना और रंगोली बन रही हैं।
हर कोने-कोने में दीप जल रही हैं।
आज जरूर मेरे कान्हा आने वाले हैं।
पंचामृत और नैवेद्य बन रही हैं।
खीर, हलवा, पुरी छन रही हैं।
आज जरूर मेरे कान्हा आने वाले हैं।
कुमुद, मालती फूल लाया जा रहा हैं।
वैजयंती की माला बनाया जा रहा हैं।
आज जरूर मेरे कान्हा आने वाले हैं।
अँगरखा और पीताम्बरा लाया जा रहा हैं।
मोरपंख और तुलसी मँगवाया जा रहा हैं।
आज जरूर मेरे कान्हा आने वाले हैं।
चन्दन, रोली, अष्टगंध की खुशबू आ रही हैं।
दूध, दही, मक्खन, मन को भा रही हैं।
आज जरूर मेरे कान्हा आने वाले हैं।
अभिनंदन और स्वागत गीत गाया जा रहा हैं।
नाचकर हर्ष, उल्लास मनाया जा रहा हैं।
आज जरूर मेरे कान्हा आने वाले हैं।
हर हाथों में आरती सज रही हैं।
ढोल, नगाड़ा, मृदंग बज रही हैं।
आज जरूर मेरे कान्हा आने वाले हैं।
सब मिलकर मंगल गीत गा रहे हैं।
हमारे पुरोहित प्रकाश द्विवेदी आ रहे हैं।
आज जरूर मेरे कान्हा आने वाले हैं।
खुद भी आना सबको बुलाना।
आने से न सकुचाना, न घबराना।

आज कोंड़तराई में मेरे कान्हा आने वाले हैं। 

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गोकुल कुमार पटेल

 

(इन रचनाओ पर आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए मार्गदर्शक बन सकती है, आप की प्रतिक्रिया के इंतजार में।)

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