कोंडतराई! एक
छोटा सा गांव
उन्नति
के पथ पर होते है यहाँ,
नित
नए बदलाव ।
छत्तीसगढ़
में रायगढ़,
रायगढ़
में कोंडतराई एक छोटा सा गांव।
लगभग
एक हजार पांच सौ की आबादी यहाँ ।
स्वतंत्र
जीवन जीने की सबको है आजादी यहाँ ।
जाति-पाती
की न दीवार है,
आपस
में भाई-चारा और प्यार यहाँ।
हर
साधन उपलब्ध है,
उन्नत
गांवों सा विस्तार यहाँ।
शिक्षित
है यहाँ के लोग,
शिक्षा
की सब ही बड़ाई करते है।
आंगनबाड़ी
से लेकर बारहवीं तक की
यही
पढाई करते है।
राम
का मंदिर यहाँ,
शिव
का शिवालय यहाँ।
इंसानों
का तो इलाज होता ही है,
जानवरों
का भी चिकित्सालय यहाँ।
कच्चे
पक्के मकान यहाँ,
सेवा
सहकारिता की दुकान यहाँ।
आती
है डाकघर में चिट्ठी यहाँ,
काली,
पीली चिकनी मिट्टी यहाँ।
खेती
में आई है इंकलाब यहाँ।
सिंचाई
के लिए नहर और तालाब यहाँ।
साग-
सब्जी की बाड़ी यहाँ।
दो
किलोमीटर में रेलगाड़ी यहाँ।
गलियां
सब रौशन है यहाँ,
गली-गली
में बिजली की बिछी तार यहाँ,
पानी
की टंकी है यहाँ,
घर-घर
में होती है पानी की बौछार यहाँ।
हरी
भरी धरती यहाँ,
हर
तरफ वृक्षों की छाँव यहाँ ।
पक्की
सड़कें यहाँ,
यातायात
का न अभाव यहाँ।
नंदी
सा बैल यहाँ,
कामधेनु
सी गइयां यहाँ।
कोयल
की कुक यहाँ,
आम
की अमराइयाँ यहाँ।
कभी-कभी
बन्दर - भालू का,
खेल
यहाँ होता है।
पारम्परिक
का वर्त्तमान से,
मेल
यहाँ होता है।
सारे
जग से मेरा गांव न्यारा है।
मेरा
गांव मुझको जान से प्यारा है ।
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गोकुल कुमार पटेल
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बन सकती है, आप की प्रतिक्रिया के इंतजार में l)