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Tuesday 2 March 2021

WILL GO TO ANGANWADI

 आँगनबाडी जायेंगें

छोटी-छोटी कदमों को धीरे से बढायेंगें।

आँगनबाडी जायेंगें, आँगनबाडी जायेंगें।

जाने से कतरायेंगें, जाने से घबरायेंगें।

आँगनबाडी जायेंगें, आँगनबाडी जायेंगें।

वंदना गायेंगें, मिलकर जयकारा लगायेंगें।

आँगनबाडी जायेंगें, आँगनबाडी जायेंगें।

सबसे मिलेंगे, मिलकर नये दोस्त बनायेंगें।

आँगनबाडी जायेंगें, आँगनबाडी जायेंगें।

प्यारे-प्यारे चित्र देख अक्षरों को सीख जायेंगें।

आँगनबाडी जायेंगें, आँगनबाडी जायेंगें।

-अनार को पढेंगें और सबको पढायेंगें

आँगनबाडी जायेंगें, आँगनबाडी जायेंगें।

दलिया,भात खायेंगें कुपोषण मिटायेंगें

आँगनबाडी जायेंगें, आँगनबाडी जायेंगें।

रोयेंगें, चिल्लायेंगें टीका पर लगवायेंगें।

आँगनबाडी जायेंगें, आँगनबाडी जायेंगें।

पीकर पोलियो की दवा रोग मुक्त हो जायेंगें।

आँगनबाडी जायेंगें, आँगनबाडी जायेंगें।

खेल-खेल में समय हम बितायेंगें।

आँगनबाडी जायेंगें, आँगनबाडी जायेंगें।

देखरेख करने वाली दीदी के गुण गायेंगें।

आँगनबाडी जायेंगें, आँगनबाडी जायेंगें।

 

 गोकुल कुमार पटेल

(इन रचनाओ पर आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए मार्गदर्शक बन सकती है, आप की प्रतिक्रिया के इंतजार में।)


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English Translate:

 

WILL GO TO ANGANWADI

Gradually increase the small steps.

Will go to Anganwadi, go to Anganwadi.

You will not be deterred from going, you will not be afraid of going.

Will go to Anganwadi, go to Anganwadi.

Vandana will sing, they will sing together.

Will go to Anganwadi, go to Anganwadi.

Most will meet, make new friends together.

Will go to Anganwadi, go to Anganwadi.

You will learn the letters by looking at the cute pictures.

Will go to Anganwadi, go to Anganwadi.

Teach pomegranate and teach everyone

Will go to Anganwadi, go to Anganwadi.

Oatmeal will eat rice, remove malnutrition

Will go to Anganwadi, go to Anganwadi.

Weep, weep will get you put on the vaccine.

Will go to Anganwadi, go to Anganwadi.

Polio medicine will be disease free by drinking.

Will go to Anganwadi, go to Anganwadi.

We will spend time in sports and games.

Will go to Anganwadi, go to Anganwadi.

The qualities of a caring sister will be known.

Will go to Anganwadi, go to Anganwadi.

 

Gokul Kumar Patel

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meeting

सभाएँ

सभाएँ हुआ करती थी कभी,
चौक में तो कभी अमीरों के आशियानों में।
जी हुजुरी करने वाले के गलियों में,
चबुतरों में तो कभी नेताओं के मकानों में।
और दब जाया करती थी न्याय भी,
अन्यायी, घमंडियों के ठौर ठिकानों में।
अब से इनकी गुहार नही लगाई जायेगी।
सच की आवाज भी नही दबाई जायेगी।
ये भवन सिर्फ ईट, पत्थरों का नहीं,
जिसे भ्रष्टाचारों की रंगो से पुताई जायेगी।
देखना प्रबल एकता की भावना से,
यहीं विकास की रणनीति बनाई जायेगी।
तब स्वच्छंद आकाश से आवाज बुलंद होगा,
देखना, देखना समाज ! कल से बेहतर आज होगा।

 
गोकुल कुमार पटेल

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English Translate:

 MEETING

There used to be meetings, sometimes
At times in the Chowk, in the homes of the rich.
In the street of a jealous person,
Sometimes in the houses of politicians, in the houses of the leaders.
And justice used to be subdued,
Unjust, in places of pride and pride.
From now on they will not be requested.
Even the voice of truth will not be suppressed.
These buildings are not just bricks, stones,
Which will be painted with colors of corruption.
Seeing a strong sense of unity,
This development strategy will be made here.
Then the voice will be elevated from the free sky,
See, see society! Today will be better than tomorrow.
 
 
Gokul Kumar Patel

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Awaiting

इंतजार














सूनी सडक, सूनी अमराईय्या,
चुप-चुप से कोई गीत गुनगुनाती है।
कभी आना इस सुनेपन के पल में,
देखना खामोशी से ये कैसे अपनापन जताती है।
झर-झर इसके भी आँखों से आँसू बहता है,
ये मैं नहीं इसका सुनापन कहता है।
कभी आना कोंडतराई के इस राह पर भी,
इसे भी हर पल तुम्हारा इंतजार रहता
है।
 
गोकुल कुमार पटेल
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English Translate:
 
AWAITING
 
A lonely road, a lonely Amaraiya,
Silently chants a song.
Sometimes come to this listening moment,
See how it expresses silence.
Tears also flow from its eyes,
This is not me, but it says the soundness of it.
Sometimes come on this road of Kondtarai,
This too awaits you every moment.
 
Gokul Kumar Patel
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Childhood friends

बचपन के दोस्त













बचपन में कुछ दोस्तों संग अकसर ही,
तालाब के एक घाट पर जाया करते थे।
बिना बुरे विचारों के लडका-लडकी,
सब एक साथ निर्वस्त्र नहाया करते थे।
एक-दूसरे पर हाथों से पानी छिडकते थे,
तो कभी-कभी मुँह से ही पींक लगाया करते थे।
सिखते थे तैरने का हूनर कई कलाबाजियों से,
तैर कर फिर खंभे तक तो कभी-कभी,
आर-पार भी जाया-आया करते थे।
बचपन में कुछ दोस्तों संग अकसर ही,
तालाब के एक घाट पर जाया करते थे।
बिना बुरे विचारों के लडका-लडकी,
सब एक साथ निर्वस्त्र नहाया करते थे।
कभी एक-दूसरे के कंधे से कूदते थे,
तो कभी बरगद,पीपल के टहनी से,
छलाँग लगाया करते थे।
दोस्ती के नाम पर फेंक देते थे,
वो दस पैसे का सिक्का,
ढूँढने के लिए डूबक-डूबककर,
फिर जी जान लगाया करते थे।
बचपन में कुछ दोस्तों संग अकसर ही,
तालाब के एक घाट पर जाया करते थे।
बिना बुरे विचारों के लडका-लडकी,
सब एक साथ निर्वस्त्र नहाया करते थे।
ठंडी में नहाने का मजा कुछ और था,
कभी हल्के-हल्के, कभी धीरे-धीरे,
पानी में कदम बढाया करते थे।
तो कभी किनारे से ही दौडकर,
पानी में छपाक से गिर जाया करते थे।
लुकाछुपी खेलते थे पानी के अंदर,
तो कभी कागज की नाव चलाया करते थे।
न सुर जानते थे, न ताल जानते थे,
पानी के ऊपर फिर भी थाप लगाया करते थे।
बचपन में कुछ दोस्तों संग अकसर ही,
तालाब के एक घाट पर जाया करते थे।
बिना बुरे विचारों के लडका-लडकी,
सब एक साथ निर्वस्त्र नहाया करते थे।
हम लोगों में तैरने की भी परीक्षा होती थी,
गणपति, दूर्गा पूजा के उत्सवों में अकसर,
एक नारियल के लिए सारे प्रतियोगी,
एक साथ तालाब में कूद जाया करते थे।
कोई भी जीते उससे फर्क नही पडता था,
क्योकिं नारियल को सब,
मिल बाँटकर ही खाया करते थे।
बचपन में कुछ दोस्तों संग अकसर ही,
तालाब के एक घाट पर जाया करते थे।
बिना बुरे विचारों के लडका-लडकी,
सब एक साथ निर्वस्त्र नहाया करते थे।
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गोकुल कुमार पटेल

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