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Saturday 2 September 2017

भगवान को भगवान ही रहने दो

भगवान को भगवान ही रहने दो
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जागो हिन्दू जागो अब तो संभल जाओ,
पाश्चात्य सभ्यता से न इतना बदल जाओ।
कृष्ण लला का गुणगान न कर पाओ तो चुप ही रहो।
पर जिसे हम पालनहार कहे, उसे न गुनहगार बताओ।
समझदारी से काम लो, किसी के बहकावे में न आओ।
भगवान को भगवान ही रहने दो, इन्हें न डाँन बनाओ।

भाद्रपद्र कृष्ण अष्टमी को कडी सुरक्षा और कडी पहरेदारी में,
बालक बन अवतरित हुए जेल की चारदीवारी में।
सातों द्वार खोल सबको अचंभित कर दिया त्रिपुरारि ने,
कैद से आजाद हो सबको सुचित किया कृष्ण मुरारी ने।
माँ-बाप के हेराफेरी का न उन पर दोष लगाओ।
समझदारी से काम लो, किसी के बहकावे में न आओ।
भगवान को भगवान ही रहने दो, इन्हें न डाँन बनाओ।

नंदगाँव के पास यमुना नदी में था कालिया नाग का वास।
जहरीले फुफकार से कर रहा था सभी जीव-जन्तु का विनाश।
कालिया को हराकर उसका घमंड चकनाचूर किया।
भेज नागराज को रमणद्वीप ब्रजवासियों का संकट दूर किया।
ऐसे पालनहारी मुरली मनोहर के चरणों में शीश झुकाओ।
समझदारी से काम लो, किसी के बहकावे में न आओ।
भगवान को भगवान ही रहने दो, इन्हें न डाँन बनाओ।

प्रागज्योतिषपुर नगर का राजा नरकासुर नामक दैत्य,
राजकुमारियों का अपहरण करना लगता था उसे औचित्य।
दैत्य का वध कर कृष्ण ने 16100 रानियों की बचाई लाज।
रानियों ने तब कहा हे माधव क्या हमें अपनायेगा ये समाज।
चरित्रहीन का कलंक राजकुमारियों की सर से मिटाई।
लाज बचाने के लिए सब राजकुमारियों संग ब्याह रचाई।
ऐसे किशन कन्हैया पर चरित्रहीन का न दाग लगाओ।
समझदारी से काम लो, किसी के बहकावे में न आओ।
भगवान को भगवान ही रहने दो, इन्हें न डाँन बनाओ।

बाप को कारागार में डालकर, कंस मथुरा का राजा था बना ।
भगवान की पूजा, उपासना, यज्ञ करने को कर दिया था मना।
खड्ग, कृपाण का जोर दिखाकर अपनी बात मनवाता था।
खुद को भगवान बतलाकर, अपनी पूजा करवाता था।
धर्म का नाश कर रहा था ताकत के मद में चुर अहंकारी।
कुकर्मी के कुकर्म से पाप का पलडा हो गया था भारी।
अत्याचारी मामा का अंत कर कृष्ण ने अपना फर्ज निभाया।
रिश्ते-नातो से धर्म बडा है दुनिया को सिखलाया।
ऐसे गिरधारी बनबारी पर हत्यारे का न तौहमत लगाओ।
समझदारी से काम लो, किसी के बहकावे में न आओ।
भगवान को भगवान ही रहने दो, इन्हें न डाँन बनाओ।

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गोकुल कुमार पटेल


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