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Wednesday 23 June 2021

तु रहें, मैं रहूँ

 तु रहें, मैं रहूँ


तु रहें, मैं रहूँ, और ये जहान रहें।
तु रहें, मैं रहूँ, और ये जहान रहें।
प्रीत रहें, प्रीत की रीत रहें,
सबके दिलों में भगवान रहें।
तु रहें मैं ................भगवान रहें।
गुनगुनाये सब प्यार के गीत।
लव पे शिव का नाम रहें।
गुनगुनाये ................ नाम रहें।
तु रहें मैं ................भगवान रहें।
शिव की भक्ति रहें, आस्था रह़ें।
भक्त को शिव का वरदान रहें।
शिव की................. वरदान रहें।
तु रहें मैं ................भगवान रहें।
खुश रहें सब, सब सुखी रहें,
होठों में सबके मुस्कान रहें।
खुश रहें ...............मुस्कान रहें।
तु रहें मैं ................भगवान रहें।
नेक बने, हर एक बने,
सबके लिए सबके मन में मान रहे।
नेक बने....................मान रहे।
तु रहें मैं ................भगवान रहें।
कर्तव्य पथ पर सब बढे सदा,
कर्म सबका महान रहे।
कर्तव्य पथ ..............महान रहे।
तु रहें मैं ................भगवान रहें।
अहं न हो, घमंड न हो,
दिलों में सबके लिए सम्मान रहें.
अहं न हो................ सम्मान रहे।
तु रहें मैं ................भगवान रहें।
क्रोध न हो, कोई निष्ठूर न हो।
दिलों में दया का भी स्थान रहे।
क्रोध न हो................स्थान रहे।
तु रहें मैं ................भगवान रहें।
निर्विकार ले सब आकार,
भेदभाव का न प्रकार रहे।
निर्विकार ले.............प्रकार रहे।
तु रहें मैं ................भगवान रहें। 

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गोकुल कुमार पटेल

 

(इन रचनाओ पर आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए मार्गदर्शक बन सकती है, आप की प्रतिक्रिया के इंतजार में।)

प्रार्थना

प्रार्थना



तु रहें, मैं रहूँ, और ये जहान रहें।
तु रहें, मैं रहूँ, और ये जहान रहें।
प्रीत रहें, प्रीत की रीत रहें,
सबके दिलों में भगवान रहें।
तु रहें मैं ................भगवान रहें।
गुनगुनाये सब प्यार के गीत।
लव पे शिव का नाम रहें।
गुनगुनाये ................ नाम रहें।
तु रहें मैं ................भगवान रहें।
शिव की भक्ति रहें, आस्था रह़ें।
भक्त को शिव का वरदान रहें।
शिव की................. वरदान रहें।
तु रहें मैं ................भगवान रहें।
खुश रहें सब, सब सुखी रहें,
होठों में सबके मुस्कान रहें।
खुश रहें ...............मुस्कान रहें।
तु रहें मैं ................भगवान रहें।
नेक बने, हर एक बने,
सबके लिए सबके मन में मान रहे।
नेक बने....................मान रहे।
तु रहें मैं ................भगवान रहें।
कर्तव्य पथ पर सब बढे सदा,
कर्म सबका महान रहे।
कर्तव्य पथ ..............महान रहे।
तु रहें मैं ................भगवान रहें।
अहं न हो, घमंड न हो,
दिलों में सबके लिए सम्मान रहें.
अहं न हो................ सम्मान रहे।
तु रहें मैं ................भगवान रहें।
क्रोध न हो, कोई निष्ठूर न हो।
दिलों में दया का भी स्थान रहे।
क्रोध न हो................स्थान रहे।
तु रहें मैं ................भगवान रहें।
निर्विकार ले सब आकार,
भेदभाव का न प्रकार रहे।
निर्विकार ले.............प्रकार रहे।
तु रहें मैं ................भगवान रहें। 

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गोकुल कुमार पटेल

 

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मेरे ही अपने हैं

मेरे ही अपने हैं



जिनका मैं अपना था, वो भी मेरे ही अपने हैं।
जिनका मैं अपना हूँ, वो भी मेरे ही अपने हैं।
जिनको अपना समझता था, वो भी मेरे ही अपने हैं।
जिनको अपना समझता हूँ, वो भी मेरे ही अपने हैं।
जिन्होंने अपना माना, वो भी मेरे ही अपने हैं।
जिन्होंने अपना समझा, वो भी मेरे ही अपने हैं।
कुछ मुझसे खुश थे, वो भी मेरे ही अपने हैं।
कुछ मुझसे खुश हैं, वो भी मेरे ही अपने हैं।
कुछ मुझसे नाराज थे, वो भी मेरे ही अपने हैं।
कुछ मुझसे नाराज है, वो भी मेरे ही अपने हैं।
कुछ ने मुझे छोड़़ दिया, वो भी मेरे ही अपने हैं।
कुछ को मैंने छोड़़ आया, वो भी मेरे ही अपने हैं।
कुछ से रिश्ता तोड़ आया, वो भी मेरे ही अपने हैं।
कुछ से रिश्ता आज भी है, वो भी मेरे ही अपने हैं।
कुछ मुझे याद करते थे, वो भी मेरे ही अपने हैं।
कुछ मुझे याद करते है, वो भी मेरे ही अपने हैं।
जिनका मैं सपना था, वो भी मेरे ही अपने हैं।
जिनका मैं सपना हूँ, वो भी मेरे ही अपने हैं।
कुछ को मैंने भुला दिया, वो भी मेरे ही अपने हैं।
कुछ मुझे भुल गये है, वो भी मेरे ही अपने हैं।
कुछ से दोस्ती कल तक था, वो भी मेरे ही अपने हैं।
कुछ से दोस्ती आज भी हैं, वो भी मेरे ही अपने हैं।
जिन्दगी के इस भागदौड़ में कुछ सबसे दूर हो गये हैं।
कंधे से कंधा मिलाने कि चाह में कुछ मजबूर हो गये हैं।
जो रिश्ता जो प्यार कल तक सबसे था वो आज भी हैं।
इच्छाएँ होती है मिलने की, सबका इंतजार आज भी हैं।
रवैयों से बिखरा हूँ पर अब भी रिश्तों की ठूंठ बाकी हैं।
पीने को तो अमृत भी है पर प्यार की एक घूँट बाकी हैं।

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गोकुल कुमार पटेल

 

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krishna

आज जरूर मेरे कान्हा आने वाले हैं



घर, गली, मोहल्ला सज रहे हैं।
राधे-राधे राधे नाम भज रहे हैं।
आज जरूर मेरे कान्हा आने वाले हैं।
हर गली मोहल्ले में फुल बरस रही हैं।
टकटकी सी सबकी आँखें तरस रही हैं।
आज जरूर मेरे कान्हा आने वाले हैं।
अल्पना और रंगोली बन रही हैं।
हर कोने-कोने में दीप जल रही हैं।
आज जरूर मेरे कान्हा आने वाले हैं।
पंचामृत और नैवेद्य बन रही हैं।
खीर, हलवा, पुरी छन रही हैं।
आज जरूर मेरे कान्हा आने वाले हैं।
कुमुद, मालती फूल लाया जा रहा हैं।
वैजयंती की माला बनाया जा रहा हैं।
आज जरूर मेरे कान्हा आने वाले हैं।
अँगरखा और पीताम्बरा लाया जा रहा हैं।
मोरपंख और तुलसी मँगवाया जा रहा हैं।
आज जरूर मेरे कान्हा आने वाले हैं।
चन्दन, रोली, अष्टगंध की खुशबू आ रही हैं।
दूध, दही, मक्खन, मन को भा रही हैं।
आज जरूर मेरे कान्हा आने वाले हैं।
अभिनंदन और स्वागत गीत गाया जा रहा हैं।
नाचकर हर्ष, उल्लास मनाया जा रहा हैं।
आज जरूर मेरे कान्हा आने वाले हैं।
हर हाथों में आरती सज रही हैं।
ढोल, नगाड़ा, मृदंग बज रही हैं।
आज जरूर मेरे कान्हा आने वाले हैं।
सब मिलकर मंगल गीत गा रहे हैं।
हमारे पुरोहित प्रकाश द्विवेदी आ रहे हैं।
आज जरूर मेरे कान्हा आने वाले हैं।
खुद भी आना सबको बुलाना।
आने से न सकुचाना, न घबराना।

आज कोंड़तराई में मेरे कान्हा आने वाले हैं। 

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गोकुल कुमार पटेल

 

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