तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है
----------------------------------------------------------------
जब लडकपन छोड़ तुम हो जाओगी सयानी,
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब किसी के प्यार में तुम हो जाओगी दिवानी।
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब किसी के याद में तडपेगी तुम्हारी जवानी,
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब चला जाऊँगा और रह जायेगा मेरी निशानी,
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब मेरे प्यार की हकीकत बन जायेगी कहानी।
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब सुनोगे तुम मेरे दिल ये बयां औरों के जुबानी,
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब कभी कोई करेगा मेरे जैसा शरारत, शैतानी,
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब कोई गीत सुनायेगा मैं तेरा राजा तु मेरी रानी।
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब सर्द हवाओं से हो जायेगा मौसम सुहानी,
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब साथ कोई न हो और बढ जायेगी परेशानी।
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब पडेगी हर बातों को अपने ही मन में दबानी,
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब नीरस सा लगने लगेगा अपनी जिंदागानी।
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब पड जायेगी तस्वीरों को तस्वीरों में छिपानी।
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब खतों को न चाह कर पड जायेगी जलानी।
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब प्यार के प्यार को देखकर होगी तुम्हें हैरानी,
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब दिल का जख्म ताजा हो और दर्द हो पुरानी,
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब बहेगी तेरे गालों पे मेरे आँखों का पानी,
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
------------------------------------------------------------
गोकुल कुमार पटेल
(इन रचनाओ पर आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए मार्गदर्शक बन सकती है, आप की प्रतिक्रिया के इंतजार में।)
----------------------------------------------------------------
जब लडकपन छोड़ तुम हो जाओगी सयानी,
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब किसी के प्यार में तुम हो जाओगी दिवानी।
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब किसी के याद में तडपेगी तुम्हारी जवानी,
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब चला जाऊँगा और रह जायेगा मेरी निशानी,
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब मेरे प्यार की हकीकत बन जायेगी कहानी।
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब सुनोगे तुम मेरे दिल ये बयां औरों के जुबानी,
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब कभी कोई करेगा मेरे जैसा शरारत, शैतानी,
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब कोई गीत सुनायेगा मैं तेरा राजा तु मेरी रानी।
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब सर्द हवाओं से हो जायेगा मौसम सुहानी,
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब साथ कोई न हो और बढ जायेगी परेशानी।
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब पडेगी हर बातों को अपने ही मन में दबानी,
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब नीरस सा लगने लगेगा अपनी जिंदागानी।
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब पड जायेगी तस्वीरों को तस्वीरों में छिपानी।
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब खतों को न चाह कर पड जायेगी जलानी।
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब प्यार के प्यार को देखकर होगी तुम्हें हैरानी,
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब दिल का जख्म ताजा हो और दर्द हो पुरानी,
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
जब बहेगी तेरे गालों पे मेरे आँखों का पानी,
तब तुम्हें एहसास होगा मोहब्बत किसे कहते है।
------------------------------------------------------------
गोकुल कुमार पटेल
(इन रचनाओ पर आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए मार्गदर्शक बन सकती है, आप की प्रतिक्रिया के इंतजार में।)