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Tuesday 14 August 2018

स्वतंत्रता दिवस भाषण

स्वतंत्रता दिवस भाषण
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नमस्कार!
आप सभी आदरणीय............ यहाँ पधारे हुए वरिष्ठ नागरिकगण, मित्रों और प्यारे बच्चों।
आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं।

आज हम सब यहाँ हमारे राष्ट्र की 72वाँ स्वतंत्रता दिवस की सबसे बड़ी खुशी को हर्षोल्लास तरीके से मनाने के लिये एकत्र हुए है। स्वतंत्रता दिवस हम सभी के लिये कितना महत्व रखता है ये तो आप सभी जानते ही है। 14 अगस्त 1947 की रात को भारत को आजादी मिली थी। जिसकी वजह से हम सभी हर साल 15 अगस्त के दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते है।

आज का दिन हम सभी भारतीयों के लिये महत्वपूर्ण इसलिए भी हो जाता है कि आज का दिन एक ऐसा दिन है जिस दिन हमारी आँखें भीगी रहती है फिर भी एक उत्साह रहता है, दिल  में दर्द भी होता है तो गर्व से सीना चौडी हो जाती है। हमारे देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चन्द्रशेखर आजाद, रानी लक्ष्मीबाई, सुभाष चंद्र बोस......... जैसे कई क्रांतिकारियों ने हमारे देश की आजादी और समृद्धि के लिये अपना जीवन दे दिया। उनके दूरदृष्टि और बलिदानों के फलस्वरूप ही आज हम इस आजाद देश के खुली हवाओं में चैन की साँस ले रहे है। मैं उन सभी अमर जवानों को सहृदय नमन करता हूँ।

सचमुच मैं अपने आप को भाग्यशाली महसुस करता हूँ कि मैं ऐसे महान्तम देश में पैदा हुआ जो विविधता में एकता के लिये प्रसिद्ध है। कई आक्रांतकारियों ने हमारे भारत के एकता अखंडता को खंडित करने का भरसक प्रयास किया किन्तु हम भारतीयों की एकता के आगे उनकी सारी कोशिशें विफल हो गई।

मुझे भारतीय नागरिक होने पर गर्व महसूस होता है जब देखता हूँ कि हमारे उस संस्कृति, देशभक्ति और  एकता की भावनाओं को मन में संजोए हुए। घर परिवार और रिश्ते नाते को भुलकर हमारे सैनिक हमारी रक्षा के लिए सीमा पर चौबीसों घंटे सीना ताने खडे रहते है।

सचमुच आज हमारा देश विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर हो रहा है हमारी संस्कृति हमारा विरासत पुरे विश्व के लिए आदर्श   प्रस्तुत कर रही है शिक्षा, खेल, इलेक्ट्रॉनिकस, ऊर्जा और औद्योगिक जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भी प्रगति कर हम एक शक्तिशाली और समृद्धशाली देश के रूप में ऊभर रहे है।

हमारा देश एक लोकतांत्रिक देश है जहाँ स्त्री पुरूष दोनों को  समान अधिकार दिए गए है इसलिए हमारा कर्तव्य हो जाता है कि आपसी भाईचारे से हम कदम से कदम मिलाते हुए विकास की ओर अग्रसर हो। मुझे खुशी होता है कि आज इस बात को हमारी माताओं, बहनों और बेटियों ने भी भलीभांति समझ लिया है और हर क्षेत्रों में बढ चढकर आगे आ रही है। आज मैं गर्व के साथ कह सकता हूँ कि हम हमारे वीरों के बलिदानों को व्यर्थ नहीं जाने देंगे और उनके सपनों को साकार करने के लिए जी जान लगा देंगें।

सभी से ऐसे ही सहयोग की आशा करते हुए और दो पंक्ति कहते हुए मैं अपने वाणी को विराम देना चाहुँगा :-

स्वच्छंद आकाश में फिर से सोने की चिडिय़ा उडाना होगा।
अमर शहीदों के ख्वाबों को हकीकत कर दिखाना होगा।
गुंज उठेगा तब सारा जहाँ भारत माता के जय जयकारों से।
नील गगन में फिर से हमारे देश का तिरंगा लहराना होगा।
नील गगन में फिर से हमारे देश का तिरंगा लहराना होगा।

भारत माता की जय, भारत माता की जय
वंदेsssमातरम् वंदेsssमातरम्

धन्यवाद

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गोकुल कुमार पटेल

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Tuesday 7 August 2018

सचमुच वो प्यार था

सचमुच वो प्यार था
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मुझे देख कर वो अकसर संभल जाया करती थी
सचमुच वो प्यार था।
मुझे देख कर वो अकसर नजरें चुराया करती थी
सचमुच वो प्यार था।
मुझे देख कर आँखें उसकी झुक जाया करती थी
सचमुच वो प्यार था।
मुझे देख कर वो धीरे-धीरे मुस्कुराया करती थी
सचमुच वो प्यार था।
मुझे देख कर वो बार-बार पलट जाया करती थी
सचमुच वो प्यार था।
मुझे देख कर उसकी चाल बदल जाया करती थी
सचमुच वो प्यार था।
मुझे देख कर कभी-कभी घुँघट लगाया करती थी
सचमुच वो प्यार था।
मुझे देख कर वो सुलझे बाल सुलझाया करती थी
सचमुच वो प्यार था।
मुझे देख कर वो होंठों को चबाया करती थी
सचमुच वो प्यार था।
मुझे देख कर वो मंदिर भी जाया करती थी
सचमुच वो प्यार था।
मुझे देख कर वो कोई गीत गुनगुनाया करती थी
सचमुच वो प्यार था।
मुझे देख कर वो हाथों की चुडी़ खनकाया करती थी
सचमुच वो प्यार था।
मुझे देख कर वो कभी कभी एक आँख दबाया करती थी
सचमुच वो प्यार था।
मुझे देख कर वो दूसरों को चिढाया करती थी
सचमुच वो प्यार था।
मुझे देख कर वो निडर हो जाया करती थी
सचमुच वो प्यार था।
मुझे देख कर वो अपना डाईट बताया करती थी
सचमुच वो प्यार था।
मुझे देख कर वो योग व्यायाम किया करती थी
सचमुच वो प्यार था।
मुझे देख कर वो सारे रस्म रिवाज निभाया करती थी
सचमुच वो प्यार था।
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गोकुल कुमार पटेल


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Friday 20 July 2018

मेरी कुछ कविताएँ

"मेरी कुछ कविताएँ"
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अकसर कागज पर चमकती है,
और निस्तेज होकर गुम हो जाती है,
क्षणभंगुर सोच की तरह, मेरी कुछ कविताएँ।

किसी के मन को स्पर्श कर झकझोरती है,
और अश्क बन गिर जाती है, उड जाती है,
क्षणिक ओस की तरह, मेरी कुछ कविताएँ।

किसी को समझा देता है अर्थ, शब्दों का,
और कभी अर्थहीन हो जाता है, रंगहीन हो जाता है,
क्षणिक इंद्रधनुष की रंगों की तरह, मेरी कुछ कविताएँ।

किसी को पंसद आता है किसी को उदास कर जाता है,
और किसी को बोलने पर मजबूर कर, चुप हो जाता है,
क्षणिक घंटों की टंकार की तरह, मेरी कुछ कविताएँ।

किसी का सपना बन जाती है तो किसी को अपना बनाती है,
और चिपकी रहती है, कभी कंधों पर तो कभी कदमों पर,
क्षणिक ठोकर खाकर उडती धुल की तरह,मेरी कुछ कविताएँ।

मेरी कल्पनाओं में खेलती है, कुदती है, बेटियों की तरह,
और परायी होकर सारे रिश्ते तोड़ जाती है , छोड़ जाती है,
क्षणिक परिजात की फुल की तरह,मेरी कुछ कविताएँ।

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गोकुल कुमार पटेल

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English translation:


SOME OF MY POEMS
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Often flashing on paper,
And languishes lost,
Like fleeting thinking,
Some of my poems.

Shakes someone's mind,
And falls ashore, flies away,
Like momentary dew,
Some of my poems.

Explains to someone the meaning of the words,
And sometimes becomes meaningless,
Becomes colorless,
Like momentary rainbow colors,
Some of my poems.

Someone likes Makes someone sad,
And forcing someone to speak,
Falls silent.
Like a clap of fleeting hours,
Some of my poems.

Become someone's dream
So makes someone her own,
And sticks,
Sometimes on shoulders
So sometimes on the steps,
Like a temporary stumbling wash,
Some of my poems.

Plays in my imaginations, jumps, Like daughters,
And strangeness breaks all relationships,
Leave Like a transient flower of parijaat.
Some of my poems.

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Gokul Kumar Patel

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