हे ज्ञान की
देवी , अज्ञान से हमको तार दे।
ख़त्म हो न
ऐसा, ज्ञान का हमें भंडार दे।
हे स्वरों की
देवी, हे हंसवाहिनी,
हे करुणामयी,
हे वाणी दायिनी ।
हे श्वेत वस्त्रधारिणी
, हे वीणा वादिनी,
गूंज उठे चारों
दिशाओं में जय तेरी,
ऐसी वीणा की
झंकार दे ।।
हे ज्ञान की
देवी , अज्ञान से हमको तार दे ।
ख़त्म हो न
ऐसा, ज्ञान का हमें भंडार दे ।।
हे शीतलता की
देवी , हे ज्ञान नंदिनी ,
हे शांति की
देवी , हे अशांति खंडिनी ।
हे माँ शारदे
, तू है हमारी बंदिनी,
अज्ञान के अन्धकार
को मिटा सके,
रोशनी ऐसी अपार
दे ।।
हे ज्ञान की
देवी , अज्ञान से हमको तार दे ।
ख़त्म हो न
ऐसा, ज्ञान का हमें भंडार दे ।
(इन
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गोकुल
कुमार पटेल
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