स्वयं शक्ति
की पुकार
स्वयं
शक्ति को पहचान, स्वयं शक्ति को जान l 2 l
स्वयं
शक्ति को जान, स्वयं शक्ति को पहचान ll
फासले
तब मिट जायेंगें, राहें आसन होंगी l 2 l
तू
कदम तो बढ़ा, तू कदम तो बढ़ा ll
तू
कदम तो बढ़ा, चल बिन उंगली थाम l
हौसला
बुलंद कर, कर समाज का उत्थान ll2 ll
स्वयं
शक्ति......................................................पहचान ll
मुठ्ठी
में ही तेरे, सारी दुनिया है समाये l 2 l
क्यों
ये बात तुझको, समझ न आयें ll
तू
खुद विराट बन, तू खुद विराट बन l
तू
खुद विराट बन, सर न झुका ll 2 ll
सर
न झुका, उठ खड़ा हो सीना तान l
हौसला
बुलंद कर, कर समाज का उत्थान ll
स्वयं
शक्ति......................................................पहचान ll
मन
में विश्वास जगा, तू ये प्रण ले l 2 l
डरेगा
न तु, जीवन मरण से ll
भागेगा
न तु, जीवन के रण से l
तु
शस्त्र बन, तु ब्रम्हा अस्त्र बन ll2 ll
तु
ब्रम्हा अस्त्र बन, झुका दे आसमान l
हौसला
बुलंद कर, कर समाज का उत्थान ll
स्वयं
शक्ति.................................................पहचान ll
तुझमें आत्म शक्ति है, तुझमें
अटूट भक्ति हैं l
तुझमें अटूट भक्ति हैं, तुझमें
आत्म शक्ति है l l
तन मन को तू साध, तू साधना कर
l
क्रिया योग से, गुरु संयोग से
l
हो समर्पित, तू आराधना कर l l
देवताओं को विवश कर, देवताओं
को विवश कर,
देवताओं को विवश कर, करा दे अपना
गुणगान l
हौसला बुलंद कर, कर समाज का उत्थान
l l
स्वयं शक्ति....................................................पहचान
l l
(इन रचनाओ पर आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए मार्गदर्शक
बन सकती है, आप की प्रतिक्रिया के इंतजार में l)
गोकुल
कुमार पटेल
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