सपना है या अनुभूति -7
वत्स - उठो.. .?
आँखें खोलो? कब तक सोये रहोगे? देखो
मैं आ गया हूँ ? एक चिर परिचित आवाज ने मेरी आँखें खोल दी, देखा एक सुन्दर कमल के आसन
पर गेरुआ वस्त्र से सुशोभित, हाथ और गले में रुद्राक्ष की माला पहने, अखंड सूर्य से
प्रकाशित आभा और त्रिलोक को वश में करने वाली मंद मंद मुस्कान लिए सदगुरुदेवजी मेरे
समीप दिखाई दिए l
मैं उठा और बिस्तर पर बैठे-बैठे ही उनको
प्रणाम किया, मुझे स्मरण हो आया की मेरे पुत्री का जन्म हुआ तब सभी की भांति मैंने
भी जन्मोत्सव का पहला आमंत्रण पत्र ईश्वर के चरणों में समर्पित किया और अपने पुत्री
के उज्जवल भविष्य के लिए उनसे आशीर्वाद देने का आग्रह किया l
सदगुरुदेव जी बोल रहे थे वत्स तुमने पहला आमंत्रण पत्र मुझे दिया था देखो सबसे पहले
मैं ही आया हूँ l मुझे अपने आँखों पर अपने आप पर विश्वास नहीं हो रहा था की उन्होंने
मेरा आमंत्रण स्वीकार ही नहीं किया अपितु वे आशीर्वाद देने मेरे घर भी आये है l मैं
आवक सा मंत्रमुग्ध और इतना भाव विभोर हो गया की भावुकता वश मुझे कुछ सूझ नहीं रहा था
और आँखों से ख़ुशी के आंसू थे की मेरे चाहने पर भी थम नहीं रहे थे l मैं असमंजस में पड़ गया की गुरूजी का कैसे आदर सत्कार
कैसे करूँ, उनका आभार व्यक्त कैसे करूँ l
शायद सदगुरुदेव मेरे मनः स्थिति को भाँप
गए l
उन्होंने मुझसे पूछा - वत्स ! पुत्री
को मेरे गोद में दो? मुझे भी तो दुलार करने
दो?
मैं पलंग की तरफ देखने लगा लेकिन पलंग
में मेरे और मेरे पत्नी के अलावा कोई नहीं था l मैं दुविधा में पड़ गया और इधर उधर देखने
लगा, अरे - बच्ची कहाँ गई? मैंने पलंग के नीचे भी ढूंढा पर बच्ची नहीं मिली, कहीं भी
बच्ची को नहीं पाकर मैंने गुरूजी के तरफ नजरे
घुमाई l
पर ये क्या?
गुरूजी भी वहां नहीं थे, वे भी अंतर्ध्यान
हो गए थे l सिर्फ अँधेरा ही अँधेरा नजर आ रहा था मैंने आँखों पर थोडा सा जोर लगाया
और हाथ बढाकर बिजली का बटन दबाया l बल्ब की रोशनी से पूरा कमरा रौशन हो गया तब मैंने
देखा की की पलंग में मेरी गर्भवती पत्नी गहरी
नींद में सोई है l
तो क्या मैं जो देख रहा था वो एक सपना
था?
फिर वो गुरूजी कौन थे? जिन्होंने मुझे
उठाया और वत्स कहकर पुकारा? उन्होंने मुझसे क्यों कहा की पुत्री कहाँ है? क्या गर्भ
में जो बच्चा है वह पुत्री है? क्या ये मेरे
पुत्री होने की भविष्यवाणी है? या क्या यह सिर्फ एक सपना था या मेरे मन की अनुभूति
है? जो मुझे रात के सन्नाटे में सुनाई दिया?
ऐसे ही कितने सवालो का जवाब पाने के
इंतजार में........
(इन रचनाओ पर
आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए मार्गदर्शक बन सकती है, आप की प्रतिक्रिया के इंतजार में
l)
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