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Friday 8 June 2012

एक कोशिश तो कर के देखो

 एक कोशिश तो कर के देखो




जीते है सब ही अपने लिए ,
कभी दूसरो के लिए जी के देखो l
मरते है सब अपनी ही मौत ,
कभी दूसरो के लिए मर के देखो l
आसान तो नहीं है कहना और करना l
पर बस एक कोशिश तो कर के देखो ll
भ्रष्टाचार  से समाज त्रस्त है l
अफसर हो या नेता सभी भ्रष्ट है l
पर गौर से देखो हम ही तो,
भ्रष्टाचार  से पस्त है l
सुधारो पहले अपने आपको,
एक तमाचा तबियत से,
अपने गालों पर जड़ के देखो l
आसान तो नहीं है कहना और करना l
पर बस एक कोशिश तो कर के देखो ll
क्यों हम इतने बेबस और लाचार है ,
क्यों हर तरफ रिश्वत और कालाबाजार है l
सोचो कभी हमने किसी को रोका है ,
सोचो कभी हमने किसी को टोका है l
मौन न बैठो, अब तो हौसला बुलंद करो,
बस ये काम चंद करो,
जगाओ अपने ही जमीर को l
बेबस सा रोना धोना बंद करो l
आसान तो नहीं है कहना और करना l
पर बस एक कोशिश तो कर के देखो ll
जीवन तब सुधर जायेगा,
उम्र भी आसानी से गुजर जायेगा l
कभी फिर न तू अकेला होगा,
हर तरफ खुशियों का मेला होगा l
रौशन हो जायेगा घर आँगन,
मुट्ठी में तारों को भर के तो देखो l
आसान तो नहीं है कहना और करना l
पर बस एक कोशिश तो कर के देखो ll


(इन रचनाओ पर आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए मार्गदर्शक बन सकती है, आप की प्रतिक्रिया के इंतजार में l)

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