नन्हा फ़रिश्ता
प्यार
का बनाने एक नया रिश्ता,
आया
आया एक नन्हा फ़रिश्ता l
साथ
अपने वो बहार लाया,
मुठ्ठी
में समेटे प्यार लाया l
आँखे
है उसके बड़े प्यारे,
चमके
जैसे हो चाँद सितारे l
देख
देखकर हमको वो तो,
कभी
रोता तो कभी है वो हँसता l
प्यार
का बनाने एक नया रिश्ता,
आया
आया एक नन्हा फ़रिश्ता ll
पालने
में माँ जब उसको सुलाए,
देख
देखकर मन अपना बहलाये l
प्यार
से जब उसको पापा सहलाये,
फिर
भी मुन्ना कह नहीं पाया l
पापा
पापा चाकलेट क्यों नहीं लाये,
दादा
दादी लेते बलाएँ,
कुछ
न जब उनको सूझता l
प्यार
का बनाने एक नया रिश्ता,
आया
आया एक नन्हा फ़रिश्ता ll
फूलो
सा महके है वो तो,
हवा
उसकी महक चुराता l
घर
आँगन में उसको फैलाता,
मन
में नया उमंग जगाता l
झुक
जाती शरमाकर फूलों की डाली,
मंद
मंद मुस्कुराते जब वो दिखता l
प्यार
का बनाने एक नया रिश्ता,
आया
आया एक नन्हा फ़रिश्ता ll
(इन रचनाओ पर आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए मार्गदर्शक
बन सकती है, आप की प्रतिक्रिया के इंतजार में l)
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