धन क्यों कमायेगा
धन क्यों कमायेगा,
किसका हुआ है धन,
जो तेरा साथ निभायेगा l
चिपकाये रहेगा जीवन भर,
अंत में वो ही तेरा साथ छोड़ जायेगा l
अधिक हुआ धन अगर,
पहले पहल सारी दुनियाँ,
कुत्ते सा पूंछ हिलायेगा l
लालच फैलेगा अपनो में,
चोर डाकू के साथ साथ,
सगे सम्बन्धी भी दुश्मन बन जायेगा l
धन देगा तब तक याद करेंगे,
मरने पर तेरे,
सब कुछ भूल जायेगा
l
सड जाएगी लाश तेरी,
जमीन पर पड़ी पड़ी,
बेटे भी पर पहले,
धन का बँटवारा करवायेगा l
इसीलिए कहता हूँ,
धन तू क्यों कमायेगा l
किसका हुआ है धन,
जो तेरा साथ निभायेगा l
धन के बदले अगर,
प्यार जो तू कमायेगा l
प्रेम फैलाकर दुनिया में,
सबको अपना बनायेगा l
जितना बांटेगा उतना फैलेगा,
चोर डाकू भी चीन नहीं पायेगा l
सत्य अहिंसा को अपनायेगा तो,
महात्मा सा बन जायेगा l
सबके जुबां पर होगा नाम तेरा,
मरने पर अमर तू कहलायेगा l
इसीलिए कहता हूँ,
धन तू क्यों कमायेगा l
किसका हुआ है धन,
जो तेरा साथ निभायेगा l
(इन रचनाओ पर आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए मार्गदर्शक
बन सकती है,
आप की प्रतिक्रिया के इंतजार में l)
No comments:
Post a Comment