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Monday 14 May 2012

धन क्यों कमायेगा



धन क्यों कमायेगा














धन क्यों कमायेगा, 
किसका हुआ है धन,
जो तेरा साथ निभायेगा l
चिपकाये रहेगा जीवन भर,
अंत में वो ही तेरा साथ छोड़ जायेगा l
अधिक हुआ धन अगर,
पहले पहल सारी दुनियाँ, 
कुत्ते सा पूंछ हिलायेगा l
लालच फैलेगा अपनो में,
चोर डाकू के साथ साथ, 
सगे सम्बन्धी भी दुश्मन बन जायेगा l
धन देगा तब तक याद करेंगे, 
मरने पर तेरे, 
सब कुछ भूल जायेगा l
सड जाएगी लाश तेरी, 
जमीन पर पड़ी पड़ी,
बेटे भी पर पहले,
धन का बँटवारा करवायेगा l
इसीलिए कहता हूँ, 
धन तू क्यों कमायेगा l
किसका हुआ है धन, 
जो तेरा साथ निभायेगा l
धन के बदले अगर, 
प्यार जो तू कमायेगा l
प्रेम फैलाकर दुनिया में, 
सबको अपना बनायेगा l
जितना बांटेगा उतना फैलेगा, 
चोर डाकू भी चीन नहीं पायेगा l
सत्य अहिंसा को अपनायेगा तो, 
महात्मा सा बन जायेगा l
सबके जुबां पर होगा नाम तेरा,
मरने पर अमर तू कहलायेगा l
इसीलिए कहता हूँ, 
धन तू क्यों कमायेगा l
किसका हुआ है धन, 
जो तेरा साथ निभायेगा l


(इन रचनाओ पर आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए मार्गदर्शक बन सकती है, 
आप की प्रतिक्रिया के इंतजार में l)

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